Thursday, June 05, 2008
आतंकवाद के खिलाफ़ फ़तवा
दलाई लामा ने कहा भारत दुनिया के दूसरे देशों के लिए आदर्श बन सकता है
भारत में पहली बार किसी इस्लामिक सेमिनार में आतंकवाद के ख़िलाफ़ फ़तवा जारी किया गया है. इस फ़तवे में कहा गया है कि इस्लाम हर तरह के ज़ुल्म और हिंसा को अस्वीकार करता है.
मुसलमानों की धार्मिक संस्था दारुल-उलूम देवबंद की तरफ़ से जारी हुए इस फ़तवे में कहा गया है कि इस्लाम का मक़सद हर किस्म के आतंकवाद को ख़त्म करते हुए शांति के वैश्विक संदेश को फैलाना है.
ये फ़तवा रामलीला मैदान में हज़ारों लोगों की भीड़ के सामने सार्वजनिक तौर पर पढ़ा गया.
शनिवार को राजधानी दिल्ली में 'आतंकवाद का विरोध और विश्व शांति' के नाम से एक सेमिनार आयोजित किया गया था.
इसी कड़ी में रविवार को हुए एक सेमिनार में इंडोनेशिया, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, जॉर्डन, मालदीव, श्रीलंका और उज़बेकिस्तान जैसे देश के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
इस मौक़े पर जामा मस्जिद यूनाइटेड फ़ोरम के अध्यक्ष सैयद याहया बुखारी ने कहा, "आतंकवाद के सभी रूपों की स्पष्ट शब्दों में आलोचना की जाना बेहद ज़रूरी है. भले ही ये किसी का भी काम हो और किसी भी वजह से किया गया हो. हम आतंकवाद के सभी रूपों की भर्तसना करते हैं और हम इसमें कोई अंतर नहीं करते. आतंकवाद किसी धर्म, राष्ट्रीयता या पंथ से जुड़ा है और न ही इसको जोड़ा जाना चाहिए."
आतंकवाद के सभी रूपों की स्पष्ट शब्दों में आलोचना की जाना बेहद ज़रूरी है. भले ही ये किसी का भी काम हो और किसी भी वजह से किया गया हो
सैयद याहया बुखारी
इस सेमिनार में भारत के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री कपिल सिब्बल, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद, असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा भी शामिल हुए.
सेमिनार के दौरान इस बात पर चर्चा की गई कि आतंकवाद को ख़त्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक साझा कोशिश की जानी चाहिए.
कपिल सिब्बल ने कहा, "आतंकवाद का किसी मज़हब से कोई रिश्ता नहीं है. किसी मज़हब को आतंकवाद से जोड़ने का सिलसिला ख़त्म किया जाना चाहिए."
आतंकवाद का किसी मज़हब से कोई रिश्ता नहीं है. किसी मज़हब को आतंकवाद से जोड़ने का सिलसिला ख़त्म किया जाना चाहिए
कपिल सिब्बल
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, "इस तरह के सेमिनार से चरमपंथ को रोकने में काफ़ी मदद मिलेगी. आतंकवादियों की मदद करने वालों को समझाने में ये काफ़ी सहायक होते हैं."
वहीं दलाई लामा का कहना था, "हमें मानवीय मूल्यों का कद्र करनी चाहिए. जब हम सारी मानवता के बारे में सोचेंगे तो खुद ही भाईचारा फैलता जाएगा."
दलाई लामा ने कहा कि भारत का अपने सभी नागरिकों को दिया गया धार्मिक आज़ादी का सिद्धांत पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श साबित हो सकता है.
इसी सेमिनार में शामिल हुए दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने कहा, "जब तक आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने वाले असल मुजरिमों को सज़ा नहीं हो जाती तब तक आतंकवाद में कमी नहीं आएगी."
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